पंचायत इंडिया न्यूज़ भोपाल
भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों के लिए राहतभरी खबर है, क्योंकि एमपी के 35 लाख किसानों का 84.17 करोड़ रुपए कर्ज माफ होने वाला है, यह कर्जा कृषि सिंचाई जल कर का था, जिसे खत्म करने का फैसला मोहन कैबिनेट की बैठक में हुआ है. दरअसल, मोहन सरकार ने मध्य प्रदेश के 35 लाख किसानों का 84.17 करोड़ जिसमें उन्हें सिंचाई जलकर ब्याज और पेनल्टी पूरी तरह से माफ करने का फैसला किया है, यानि यह पैसा सरकार की तरफ से भरा जाएगा, किसानों को केवल मूल रकम ही देनी पड़ेगी. यह योजना भी अगले साल मार्च 2026 तक लागू रहेगी. यानि इस दौरान सभी अपना ब्याज कटवाकर मूल रकम जमा कर सकते हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश के 35 लाख किसानों पर कृषि सिंचाई जलकर के तहत लिए गए लोन का 84.17 करोड़ बकाया था. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जल संसाधन विभाग की तरफ से यह मुद्दा उठाया गया जिसमें कहा गया कि इस पर निराकरण किया जाना चाहिए. जिस पर सरकार ने फैसला लिया कि किसानों से ब्याज का पैसा अब जल संसाधन विभाग नहीं लेगा, केवल मूल रकम ही ली जाएगी. मोहन कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी. जिससे किसानों के हित में यह बड़ा फैसला माना जा रहा है, क्योंकि कई किसानों पर सिंचाई जलकर का ब्याज ज्यादा हो गया था, ऐसे में किसान भी इस फैसले से राहत महसूस करेंगे.
बता दें कि कृषि सिंचाई जल कर के लिए बैंकों की तरफ से किसानों को लोन दिया जाता है. जिसमें किसान अपने खेतों में सिंचाई की व्यवस्था करते हैं, लेकिन जब सिंचाई कर नहीं भरा जाता है तो उसका ब्याज बढ़ता जाता है, जिसे सरकार की तरफ से माफ किया गया है. मोहन सरकार ने यह योजना 2026 तक लागू करने का फैसला किया है. यानि किसानों के पास एक साल में मूलधन की राशि जमा करने का मौका होगा और उन्हें ब्याज नहीं देना होगा.
मध्य प्रदेश के 35 लाख किसानों को इस योजना का फायदा होने वाला है. क्योंकि प्रदेश के लगभग सभी जिलों में सिंचाई कर का पैसा बढ़ता जा रहा था. लेकिन किसानों ने लंबे समय से ब्याज नहीं चुकाया था. वहीं मूलरकम जमा करने से उन्हें अब कम पैसा जमा करना होगा. यानि जितना पैसा बैंक से मिला था उतना ही पैसा उन्हें जमा करना होगा.
