मऊगंज में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर वृद्घ महिला से 20 लाख की ठगी, नकली पटवारी बनकर जेवरात और नकदी लेकर फरार

ब्यूरो रिपोर्ट मऊगंज / पंचायत इंडिया न्यूज़

मऊगंज। मऊगंज में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर एक बड़ी ठगी सामने आई है। बरहटा रोड पर रहने वाली 70 वर्षीय जिउरनिया चौरसिया के साथ एक व्यक्ति ने खुद को पटवारी बताकर धोखाधड़ी की।

मऊगंज नगर के वार्ड क्रमांक 5 बरहटा रोड निवासी 70 वर्षीय महिला के साथ एक बड़ी ठगी की वारदात सामने आई है। प्रधानमंत्री आवास योजना का सत्यापन करने के बहाने एक युवक ने खुद को “पटवारी” बताकर महिला से पहले विश्वास जीता, फिर 25 हजार रुपए नकद और करीब 15 से 20 लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात लेकर फरार हो गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित महिला जिउरनिया चौरसिया पत्नी स्व. मोतीलाल चौरसिया अपने घर में अकेली थीं। उनकी एक ही बेटी है, जिसकी शादी नईगढ़ी थाना क्षेत्र के अकौरी गांव में हुई है। बेटी मऊगंज में रहकर मां की सेवा कर रही थी लेकिन शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे के आसपास वह अपने पति के साथ कुछ समय के लिए अकौरी गांव चली गई थी।

करीब 2 बजे एक युवक सफेद रंग की अपाचे बाइक से वृद्धा के घर पहुंचा और खुद को पटवारी बताते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम लेकर बात करने लगा। उसने कहा कि वृद्धा और उनकी बेटी दोनों का नाम योजना में स्वीकृत हुआ है और खातों में राशि डालने से पहले दस्तावेज व वस्तुओं का सत्यापन किया जाएगा।

युवक ने वृद्धा से कहा कि उसे दो पांच सौ के नोट दिखाने हैं, जिनके अंत में ‘0’ अंक होना जरूरी है। वृद्धा ने पहले दो नोट दिए लेकिन ठग ने कहा उनमें ‘0’ नहीं है। इसके बाद महिला ने घर में रखे रुपए का डिब्बा दिखा दिया।

ठग ने फिर कहा कि जितने भी सोने-चांदी के जेवरात हैं, उनका फोटो खींचकर अपलोड करना जरूरी है ताकि उनका सत्यापन किया जा सके। महिला ने भरोसे में आकर अलमारी और पेटी में रखे सभी गहने निकालकर दे दिए। युवक ने महिला के कानों से पहने हुए सोने के फुलिए भी उतरवा लिए और फिर अचानक मौका पाकर सारा सामान लेकर चंपत हो गया।

जब महिला की बेटी और दामाद शाम को वापस लौटे, तब इस घटना का खुलासा हुआ। उन्होंने तुरंत मऊगंज थाने पहुंचकर ठगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालएफ आई आर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में विशेष सतर्कता बरती जाए और आवास योजना, बैंक योजना जैसी सरकारी प्रक्रियाओं के नाम पर हो रही ठगी पर अंकुश लगाया जाए।

पुलिस और प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति यदि सरकारी कर्मचारी बनकर जानकारी मांगता है तो पहले उसकी पहचान की पुष्टि करें। किसी भी स्थिति में नकद राशि या आभूषण न दें।

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