ब्यूरो रिपोर्ट रतलाम / पंचायत इंडिया न्यूज़
रतलाम। रतलाम जिले की ग्राम पंचायत कल्मोड़ा में 22 जुलाई को पंचायत उपचुनाव के लिए मतदान होना है. लेकिन एक ग्राम पंचायत के दो गांव कल्मोड़ा और खीमापाड़ा में विकास का बड़ा अंतर है. खीमापाड़ा की बदहाल सड़क चुनाव का मुद्दा बन गई है. यहां तक कि विकास से वंचित रहे गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.
रतलाम जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित काल्मोड़ा ग्राम पंचायत में इन दिनों सरपंच पद के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. यहां 10 जुलाई को नामांकन एवं नाम वापसी की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 22 जुलाई को मतदान होना है. इस ग्राम पंचायत में दो गांव आते हैं जिसमें 2400 मतदाता वाला कल्मोड़ा और 250 मतदाताओं वाला खीमापाड़ा गांव शामिल है. ग्राम पंचायत बनने से लेकर अब तक हर बार बड़ी आबादी वाले गांव कल्मोड़ा से ही सरपंच का उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है.

खीमापाड़ा के लोगों का आरोप है कि उनके गांव में आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने चुनाव जीतने के बाद कोई विकास कार्य नहीं किए. गांव के लोगों को मुख्यालय से जोड़ने वाली 6 किलोमीटर की सड़क आजादी के बाद से अब तक नहीं बनी है. बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजने से लेकर बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसी वजह से परेशान होकर अब गांव के लोगों ने 22 जुलाई को होने वाले उपचुनाव में मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है.
ग्रामीणों ने बताया कि “75 साल बाद भी खीमापाड़ा में पक्की रोड नहीं है जबकि कल्मोड़ा गांव में पानी की टंकी, पक्की सड़कें और विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है. जो भी नेता यहां से चुनाव लड़ते हैं वह विकास करने का वादा करते हैं लेकिन आज तक किसी ने चुनावी वादा पूरा नहीं किया. इसलिए अब वह सभी थक चुके हैं और पंचायत चुनाव में मतदान नहीं करेंगे.”
ग्राम पंचायत काल्मोड़ा में सरपंच पद रिक्त होने के बाद यहां पर उपचुनाव की प्रक्रिया जारी है. 10 जुलाई को नामांकन और नाम वापसी की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 22 जुलाई को यहां मतदान होना है. पंचायत चुनाव में हर बार के वादों से ठगे गए ग्रामीण अब किसी झांसे में आने को तैयार नहीं हैं. उन्हें खीमापाड़ा को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली पक्की सड़क चाहिए अन्यथा गांव के लोग अब यह मन बना चुके हैं कि रोड नहीं तो वोट नहीं.
इस मामले में जनपद पंचायत अध्यक्ष साधना जायसवाल ने संज्ञान लेते हुए अपने प्रतिनिधि को गांव में भेजा है. उनके प्रतिनिधि विशाल जायसवाल ने बताया कि “सड़क के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मजरे टोले को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना के अंतर्गत प्रस्ताव भेजे गए हैं. वहीं, गांव की अन्य समस्याओं के लिए प्रशासन को अवगत कराया जाएगा. कीचड़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए तात्कालिक तौर पर मुरम डलवाने की व्यवस्था की जा रही है.”
