स्पेशल रिपोर्ट / पंचायत इंडिया न्यूज़
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और दिग्विजय सिंह के बाद अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी जनता दरबार लगाने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में जनता की समस्याओं से रूबरू होने के लिए मुख्यमंत्री जल्द ही जनता दरबार लगाएंगे. हालांकि इस जनता दरबार में मुख्यमंत्री सीधे जनता से रूबरू नहीं होंगे, बल्कि डिजिटल माध्यम से लोगों से जुड़ेंगे. इस दौरान लोग सीएम को सामने से अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे. डिजिटल जनता दरबार को लेकर तैयारियां शुरू की जा रही है. जनता दरबार के लिए प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई के पास भेजी गई है. डिजिटल जनता दरबार में शिकायत के बाद सीएम का एक्शन भी ऑन स्पॉट होगा.
आमतौर पर जनता से जुड़े राज्य स्तरीय कार्यक्रम में अलग-अलग जिलों से भी स्क्रीन के माध्यम से लोगों को जोड़ा जाता है. इस दौरान मुख्यमंत्री जिलों में मौजूद चुनिंदा लोगों से चर्चा भी करते हैं. कमोवेश इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री का जनता दरबार शुरू होने जा रहा है. इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जिलावार जनता दरबार लगाया जाएगा. इसमें जिले का सिलेक्शन रेंडमली किया जाएगा. जिस भी जिले का नाम आएगा, उससे जुड़ी लोगों की शिकायतों को जनता दरबार में शामिल किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सचिवालय ने डिजिटल जनता दरबार को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से लौटने के बाद इसको मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा और फिर इसे शुरू किया जाएगा.
इस जनता दरबार में जिस भी जिले का नंबर आएगा, उस जिले के कलेक्टर कार्यालय में शिकायतकर्ताओं को बुलाया जाएगा. उन सभी शिकायतकर्ताओं से सीधे मुख्यमंत्री चर्चा करेंगे. इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि के अलावा सभी संबंधित अधिकारी भी मौजूद होंगे. शिकायत के बाद मुख्यमंत्री तत्काल अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश देंगे. जनता दरबाज में जिलों के अधिकारियों के अलावा प्रदेश स्तर के अधिकारी भी रहेंगे.
हालांकि पहले मुख्यमंत्री निवास पर जनता दरबार लगाए जाने पर विचार किया जा रहा था. इस संबंध में जनवरी माह में विचार हुआ था, लेकिन इस पर चर्चा शुरू होने के बाद ही मुख्यमंत्री निवास पर बड़ी संख्या में शिकायतकर्ता पहुंचना शुरू हो गए, इसको देखते हुए अब डिजिटल माध्यम अपनाने पर विचार किया गया है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और फिर उमा भारती के शासनकाल में मुख्यमंत्री निवास पर जनता दरबार लगाया जा चुका है. हालांकि बाद में शिवराज सिंह चौहान के दौरान शिकायतों के निराकरण के लिए सीएम हेल्पलाइन शुरू की गई, हालांकि यह व्यक्तिगत समस्या से जुड़ी शिकायतों की अपेक्षा दूसरों की शिकायतों का जरिया ज्यादा बन गया. वहीं समाधान ऑनलाइन भी शुरू किया गया था.
