ब्यूरो रिपोर्ट दमोह / पंचायत इंडिया न्यूज़
दमोह। देश भर में एक तरफ विपक्षी दल जहां चुनाव में ईवीएम पर शंका जाहिर करते हुए वेलेट पेपर के जरिए चुनाव कराये जाने की मांग कर हैं, वहीं दूसरी तरफ से मध्य प्रदेश में नया प्रयोग शुरू हो रहा है, जहां मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग अब पेपर लेस चुनाव की तरफ आगे बढ़ रहा है. इसकी शुरुआत दमोह जिले से हो रही है. दमोह जिले के हटा ब्लाक में आने वाले गैसाबाद जनपद क्षेत्र की खाली सीट के लिए 22 जुलाई को उपचुनाव की प्रक्रिया होनी है, लेकिन यह पंचायत उपचुनाव पेपर लेस कराने का फैसला किया गया है, खास बात यह है कि चुनाव की प्रक्रिया में ईवीएम मशीन का उपयोग तो होगा ही लेकिन मतदान के दौरान और बाद में होने वाली प्रक्रियाओं में भी कागजों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
दरअसल, वोटिंग ईवीएम मशीन से होगी इसके बाद मतदान के लिए जो अन्य प्रक्रियाएं होती हैं, उसमें भी कागज नहीं होगा. बल्कि पीठासीन अधिकारियों की तरफ से की जाने वाली लिखा पढ़ी मतलब प्रपत्र डिजिटल तरीके से ई बुक पर भरे जाएंगे, चुनाव से जुड़ी तमाम प्रक्रियाएं डिजिटिलाइज्ड ही होंगी. उप जिला निर्वाचन अधिकारी और एडीएम मीना मसराम ने बताया कि इस बार सामग्री लेने के लिए पोलिंग पार्टियों को सामग्री वितरण केंद्र पर नहीं आना पड़ेगा मतदान दल सीधा मतदान केंद्र पर पहुंचेगा और उसे मतदान सामग्री सेक्टर प्रबंधन दल द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. मतदान पूरा होने के बाद पोलिंग पार्टी ईवीएम को पैक करके खुद जमा करने के लिए केंद्र तक नहीं जाना होगा, बल्कि उसे लेने का काम सेक्टर प्रबंधन दल की तरफ से किया जाएगा और उसे स्ट्रांग रूप तक पहुंचाया जाएगा.
पंचायत चुनाव में पहली बार हो रहे इस प्रयोग का बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है, ताकि लोग पेपर लेस इलेक्शन को समझ सकें, वहीं राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को भी ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि उन्हें किसी भी तरह की दुविधा न हो और मतदान के दिन वो किसी तरह का शक न करें. इस तरह के प्रयोग को लेकर दमोह जिला प्रदेश में पहला जिला बन जायेगा जहां डिजिटल क्रांति का उपयोग कर पेपर लेस चुनाव होगा. इसके पहले नगरीय निकाय चुनाव में इंदौर और रीवा में ये प्रयोग हो चुका है, लेकिन तब यह प्रयोग नगरीय निकाय के उपचुनावों में हुआ था. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के चुनाव में सूबे में ये पहली बार होगा.
दरअसल, दमोह जिले की गैसाबाद जनपद सीट पर उपचुनाव की तारीख निर्वाचन आयोग की तरफ से पहले ही जारी कर दी गई थी, बाद में उपचुनाव को पेपर लेस कराने का फैसला एमपी निर्वाचन आयोग की तरफ से किया गया था. जिसकी प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है. जहां पहली बार पंचायत चुनाव पेपरलेस होगा.
