मध्यप्रदेश के असुरक्षित स्कूल भवनों में नहीं चलेंगी कक्षाएं, लोक शिक्षण संचालनालय का सख्त आदेश जारी

ब्यूरो रिपोर्ट मध्यप्रदेश / पंचायत इंडिया न्यूज़

भोपाल। मध्यप्रदेश के असुरक्षित भवनों में अब कक्षाएं नहीं चलेंगी. असुरक्षित विद्यालय भवनों पर सख्ती दिखाते हुए लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार, स्कूल की छत में सीपेज-लीकेज में प्राथमिकता से देखभाल करने के लिए निर्देश दिया गया है. साथ ही जिलों को जर्जर स्कूलों का तत्काल रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है.

प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों को अनिवार्य रूप से भवनों की स्थिति की जांच कर तत्काल रिपोर्ट भेजने के लिए आदेश जारी किया गया है. साथ ही स्थानीय संसाधनों से असुरक्षित भवनों की जल्द मरम्मत कराने के लिए निर्देश दिया गया है. यह आदेश लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा जारी किया गया है.

लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने 24.04.2025 को जारी आदेश को फिर से दुहराते हुए निर्देश दिया है कि प्राथमिक या माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल, जहां किसी प्रकार के लीकेज या सीपेज या सीलिंग का प्लास्टर गिरने की संभावना है. वहां कक्षाएं किसी भी दशा में संचालित न की जायें. साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया कि सभी प्रचार्यों या प्रधानाध्यापकों को निर्देशित करें कि वो प्रत्येक कक्ष का निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार उपलब्ध आवंटन या स्थानीय मद से स्कूल भवनों को तत्काल मरम्मत करें.

इसी बीच डिंडोरी में सोमवार-मंगलवार रात के दरम्यान स्कूल का छज्जा भरभरा कर गिर गया. इस स्कूल में करीब 125 छात्र पढ़ने आते हैं. गनीमत रही कि ये हादसा रात के वक्त हुआ. यह मामला बजाग तहसील क्षेत्र के एकीकृत माध्यमिक शाला का है. जानकारी के अनुसार, डिंडोरी जिले में करीब 556 स्कूल भवनों की मरम्मत की आवश्यकता है, लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण इन स्कूल भवनों की मरम्मत नहीं हो नहीं हो पा रही हैं.

वहीं सोमवार को मंदसौर के बोलिया में शासकीय माध्यमिक विद्यालय में जर्जर एक बड़े हाल की दीवार भर भराकर गिर गई. यह घटना शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने हुआ. यह राहगीरों के निकलने का आम रास्ता भी है. यह घटना सुबह हुई थी, जिसके चलते कोई जनहानि नहीं हुई. इस विद्यालय में दो कमरों का हाल, लैब और पास ही कन्या शाला के कमरे जर्जर हालात में है. समय रहते इनको डिस्मेंटल नहीं किया तो बड़ा हादसा हो सकता हैं.

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