सरपंच, सचिव और ठेकेदार फर्म ने मिलकर विधायक निधि से स्वीकृत राशि निकाली, बगैर कोई काम किए ही हो गया भुगतान

ब्यूरो रिपोर्ट नीमच / पंचायत इंडिया न्यूज़

नीमच। नीमच जिले में सरपंच, सचिव, और ठेकेदार फर्म के बीच एक घोटाला उजागर हुआ है, गांव के सरपंच और सचिव ने एक पुलिया पर रेलिंग लगाने के लिए विधायक निधि की स्वीकृत राशि निकाल ली और उसका भुगतान भी ठेकेदार फर्म को कर दिया लेकिन रेलिंग नहीं लगी अब दोषियों पर कार्रवाई की मांग उठ रही है।

नीमच जिले की जावद जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत आमलीभाट अंतर्गत ग्राम ढाबा में प्रधानमंत्री सड़क योजना मार्ग पर स्थित पुलिया पर हर साल वर्षा के दौरान जलभराव से आवागमन बाधित रहता है। बीते 5-6 वर्षों में इस पुलिया को पार करते समय वर्षा के दिनों में दो लोगों की असमय मृत्यु हो चुकी है। इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु वर्ष 2023 में क्षेत्रीय विधायक ओमप्रकाश सखलेचा ने विधायक निधि से 1,00,000 रुपये की राशि रेलिंग निर्माण के लिए स्वीकृत की थी।

ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया और हो गया भुगतान
हालांकि जमीनी हकीकत यह है कि 23 जून 2025 तक मौके पर कोई रेलिंग कार्य प्रारंभ नहीं किया गया था। इसके बावजूद ग्राम पंचायत आमलीभाट के सचिव एवं सरपंच द्वारा 62,000/- रुपये की राशि संबंधित फर्म एस.एम.बी. स्टील को भुगतान कर दी गई। इस पर सवाल खड़े होते ही जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने घोर आपत्ति जताई और मामले की शिकायत की।

नोटिस मिला तो दिखाये फर्जी फोटो
शिकायत के आधार पर एसडीएम जावद द्वारा दिनांक 23 जून 2025 को ग्राम सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। सचिव देवीलाल वर्मा ने अपने जवाब में बताया कि सामग्री खरीद कर कार्य तैयार करवा लिया गया था, लेकिन वेल्डर और गड्ढा खुदाई न होने से देरी हुई। उन्होंने दावा किया कि कार्य अब पूर्ण हो गया है और फोटो भी प्रस्तुत किए।

शासकीय कार्य में लापरवाही हुई उजागर
लेकिन जांच में पाया गया कि रेलिंग कार्य शिकायत के बाद दिनांक 26 जून 2025 के बाद किया गया, जो कि शासकीय कार्य में लापरवाही को दर्शाता है। साथ ही लगातार दो बार रिमाइंडर के बावजूद सचिव द्वारा मूल रिकॉर्ड (बिल, वाउचर, केशबुक) प्रस्तुत नहीं किया गया।

SDM ने कार्रवाई के लिए लिखा पत्र
एसडीएम प्रीति संघवी ने बताया कि रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने और कार्य में देरी के चलते जिला पंचायत सीईओ को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। वहीं ग्राम पंचायत उपसरपंच हरीश तंवर ने आरोप लगाया कि सचिव ने 62,000/- रुपये निकाल लिए लेकिन जमीन पर कोई कार्य नहीं हुआ, और अब तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।

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