ब्यूरो रिपोर्ट नरसिंहपुर। पंचायत इंडिया न्यूज़
नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश में भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है, लेकिन इसके बावजूद सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला नरसिंहपुर जिले से सामने आया है, जहां सहकारिता विभाग के एक निरीक्षक को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। जबलपुर लोकायुक्त टीम ने यह कार्रवाई एक सहकारी समिति के प्रबंधक की शिकायत पर की, जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है।
वेतन जारी करने के लिए मांगी थी घूस
नरसिंहपुर में पदस्थ सहकारिता निरीक्षक संजय दुबे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सिमरिया सहकारी समिति के प्रबंधक देवी प्रसाद तिवारी ने लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की थी कि निरीक्षक संजय दुबे ने उनसे अक्टूबर और नवंबर महीने का वेतन निकलवाने के लिए रिश्वत की डिमांड की है। प्रबंधक तिवारी ने रिश्वत देने से इनकार करते हुए जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय से संपर्क किया और अपनी शिकायत दर्ज कराई।
जबलपुर लोकायुक्त टीम ने बिछाया जाल
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जबलपुर लोकायुक्त टीम ने सबसे पहले आरोपों की पुष्टि की। सत्यापन होने के बाद, उप निरीक्षक राहुल गजभिए के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, आरक्षक जावेद खान, पंकज बिष्ट और अंकित दहिया शामिल थे।
₹3000 रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तारी
लोकायुक्त टीम ने गुरुवार दोपहर को योजना को अंजाम दिया गया। जैसे ही सहकारिता निरीक्षक संजय दुबे ने प्रबंधक देवी प्रसाद तिवारी से 3 हजार रुपए की रिश्वत ली, मौके पर पहले से मौजूद लोकायुक्त टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। रिश्वत की रकम तत्काल उनके कब्जे से बरामद कर ली गई। गिरफ्तारी के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
लोकायुक्त अधिकारियों ने आरोपी सहकारिता निरीक्षक संजय दुबे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल, आरोपी से गहन पूछताछ जारी है। लोकायुक्त टीम यह भी जांच कर रही है कि क्या संजय दुबे ने पहले भी अन्य कर्मचारियों या व्यक्तियों से इस तरह की कोई अवैध वसूली की है या उनकी अन्य गतिविधियाँ संदिग्ध रही हैं।
