छिंदवाड़ा जिले की पालाचौरई ग्राम पंचायत में हुआ 7 लाख की राशि का भ्रष्टाचार, सचिव-सरपंच पर गंभीर आरोप, आवेदक ने की एफआईआर की मांग

ब्यूरो रिपोर्ट छिंदवाड़ा। पंचायत इंडिया न्यूज़

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले की जनपद पंचायत जुन्नारदेव के अंतर्गत ग्राम पंचायत पालाचौरई में सरकारी योजनाओं के नाम पर लाखों रुपये का काला खेल सामने आया है। शिकायत कर्ता संजय तिंदोलिया ने ग्राम पंचायत सचिव और सरपंच सात लाख से अधिक राशि के गबन का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से भौतिक सत्यापन और तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। आरटीआई आवेदनों को दबाने का भी खुलासा हुआ है। संजय तिंदोलिया ने बताया कि उन्होंने 19 अगस्त 2025 को विस्तृत शिकायत दर्ज कराई थी।

इससे पहले 14 जून 2023, 10 जुलाई 2023 और 10 जुलाई 2030 को आरटीआई के जरिए कैश बुक, बिल बुक, बैठक पंजी, स्टॉक पंजी और निर्माण कार्यों की जानकारी मांगी थी। लेकिन लोक सूचना अधिकारी ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। शिकायत पर कलेक्टर कार्यालय ने पत्र संख्या 922 (17 जून 2025) जारी किया, जिसमें कमलेश उईके और मन्नूलाल वर्मा की पुरानी शिकायतों का जिक्र था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा मामले को गुमराह करने की कोशिश की गई।

जनसुनवाई में खुलासा, बिना काम के सात लाख की राशि का आहरण
आवेदक संजय तिंदोलिया के अनुसार, मन्नूलाल वर्मा और कमलेश उईके की शिकायत पर हुई जांच में साफ पाया गया कि कार्य न होने पर भी सात लाख से ज्यादा राशि का आहरण किया गया। निर्माण कार्यों की जांच करने पर कोई निशान नहीं मिला।

खरीदी गई सामग्री के स्टॉक पंजी में उपलब्ध नहीं कराई गई। तिंदोलिया ने कहा, “यह भ्रष्टाचार की जड़ है। राशि और बढ़ सकती है। सरपंच-सचिव जानबूझकर आरटीआई में मांगी गई जानकारी छिपाते हैं।

“मांगी गई जानकारी के बिंदु:2020-2024 तक सभी निर्माण कार्य और भुगतान किए गए बिल कैश बुक, बिल बुक और स्टॉक पंजी और बैठक पंजी का भौतिक सत्यापन कर निर्माण कार्य और भुगतान कि गई राशि जांच कि मांग कि है जिला कलेक्टर से अपील की है कि तत्काल जांच टीम गठित हो।

दोषी पाए जाने पर सरपंच-सचिव के खिलाफ आई पी सी की धाराओं में एफआईआर हो। जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत लंबित है, लेकिन अब तक चुप्पी साधी गई।

ग्रामीण नाराज, प्रशासन पर सवाल
पाला चौरई के ग्रामीणों ने कहा कि सड़क, तालाब जैसे कार्यों के नाम पर फंड लुटा। “हमारी शिकायतें दबाई जा रही हैं। कलेक्टर साहब कार्रवाई करें, वरना लोकायुक्त जांच की सिफारिश हो सकती है।

यह मामला छिंदवाड़ा जिले के ग्रामीण इलाकों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है पूर्व में भी पाला चौरई से लगी पंचायत में दो लाख से अधिक कि राशि के गमन में सरपंच सचिव उप यंत्री और रोजगार सहायक पर एफ आई आर दर्ज हो चुकी है जब दो लाख की राशि में एफआईआर की जा सकती है तो ग्राम पंचायत पाला चौरई की सात लाख की राशि पर क्यों एफआईआर दर्ज नहीं कि गई।

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