स्पेशल रिपोर्ट : अमित श्रीवास्तव / 9826050465
भोपाल। सरकार ने पंचायतों में पदस्थ सचिवों को हटाने और तबादला प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ट्रांसफर पॉलिसी लागू की है। मई में चल रहीं तबादला प्रक्रिया के तहत इस नई नीति के अनुसार अब कोई भी सचिव न तो अपनी पैतृक पंचायत में और न ही ससुराल की पंचायत में पदस्थ किया जाएगा। रिश्तेदारों के साथ काम करने वाले सचिवों को भी बदला जाएगा ताकि भाई-भतीजावाद पर लगाम लगे। जिन सचिवों ने किसी पंचायत में 10 वर्ष से अधिक समय बिताया है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्थानांतरित किया जाएगा। महिलाओं के मामले में विवाहित, तलाकशुदा या विधवा को स्वेच्छा से अंतर-जिला स्थानांतरण की अनुमति दी गई है, इसके लिए दोनों जिलों के जिला पंचायत सीईओ की एनओसी अनिवार्य होगी। इस नीति का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और प्रशासनिक निष्पक्षता सुनिश्रित करता है। कलेक्टरों को दिए निर्देश में कहा गया है कि यदि किसी ग्राम पंचायत में सचिव का नातेदार सरपंच या उप सरपंच चुन लिया गया है तो ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत से सचिव का तबादला दूसरी ग्राम पंचायत में किया जाएगा। तबादले के बाद नई पदस्थापना वाली ग्राम पंचायत में सचिव का नातेदार सरपंच या उपसरपंच नहीं होना चाहिए। किसी भी पंचायत सचिव को उसके पैतृक ग्राम पंचायत या उसके ससुराल की ग्राम पंचायत में पदस्थ नहीं किया जाएगा।

नई ट्रांसफर नीति का मूल उद्देश्य भाई-भतीजावाद और पक्षपात को समाप्त करना है। इसलिए अच कोई भी सचिव अपने पैतृक गांव या ससुराल की पंचायत में पदस्थ नहीं किया जाएगा। जिन सचिवों के परिवार के सदस्य पंचायत पदों पर है। उन्हें भी तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर किया जाएगा। नीति के अंतर्गत सबसे पहले उन सचिवों को हटाया जाएगा जो किसी एक पंचायत में 10 साल या उससे अधिक समय से पदस्थ हैं। इससे पचायतों में बया नेतृत्व आएगा और कार्य में पारदर्शिता तथा जवाबदेही बढ़ेगी। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी नीति में कहा गया है कि ग्राम पंचायतों में सचिवों का जिले के भीतर तबादला कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद किया जा सकेगा। तबादला आदेश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जारी किया जाएगा। वहीं अन्तर जिला तबादले को लेकर जारी नीति में कहा गया है कि केवल स्वैच्छिक आवेदन पर ही तबादले किए जा सकेंगे। इसके लिए विवाहित, विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को ही ऐसे जिले में अंतर जिला स्थानांतरित किया जा सकेगा, जिसमें उसका ससुराल या पति का निवास या स्वयं का परिवार निवास करता हो। ग्राम पंचायत की विवाहित, विधवा और तलाकशुदा महिला सचिव के वर्तमान पदस्थापना वाले जिले के और आवेदन किए जाने वाले जिले के सीईओ जिला पंचायत के एनओसी के आधार पर तबादला किया जा सकेगा। ट्रांसफर के लिए आवेदन सचिव द्वारा वर्तमान पदस्थापना वाले जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिया जाएगा तथा उसकी कॉपी उस जिले के सीईओ जिला पंचायत को दी जाएगी। जहां वहां पदस्थापना चाहता है। आवेदित जिले की एनओसी मिलने के बाद पदस्थापना वाले जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा अनुशंसा के साथ आवेदन संचालक पंचायत राज संचालनालय को भेजा जाएगा। तबादला आदेश प्रशासकीय अनुमोदन के बाद संचालक पंचायत राज द्वारा जारी किया जाएगा। जिस सचिव का ट्रांसफर होना है, उसका नाम नए जिले की उस साल की सीनियारिटी लिस्ट में सबसे नीचे रखा जाएगा। पूरे सेवाकाल में इस आधार पर पंचायत सचिव सिर्फ एक बार ही ट्रांसफर का लाभ ले सकेगा।